शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009

चोखेर बाली की आज की गोष्टी "नए विमर्श माध्यम और स्त्री-प्रश्न" से मैंने क्या लिया-
१) विकास (और उत्तर विकास) के परिप्रेक्ष में नारी की बदलती स्थिति पर सोचने की जरूरत है. निश्चित ही इसके लिए ऐतिहासिक कारणों में भी जाना होगा.
२) साहित्य/भाषा में इस प्रश्न से कैसे जूझा गया है?

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