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अपनी ढपली
और राग होंगे- तेरे-मेरे, इसके-उसके, यहाँ-वहाँ के!
शनिवार, 16 अगस्त 2008
कुछ सस्ता हो जाए
लड़का-
लफ्ज़ भी तेरे, सुर भी तेरे,
कोई ग़ज़ल सुनाऊं क्या?
लड़की-
हाथ ये मेरा, गाल ये तेरा,
कान के नीचे बजाऊँ क्या?
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